साधारण नियम
- सभी छात्राओं को प्रत्येक सत्र के आरंभ में उपस्थित होना अनिवार्य है।
- पहली घंटी बजने पर सभी शांतिपूर्वक लाइन लगाकर प्रार्थना के लिए खड़े होंगीं। प्रार्थना सभा के बाद छात्राएं शांतिपूर्वक अपनी अपनी-अपनी कक्षा में जाएंगी।
- अनियमित उपस्थिति, अकारण अनुपस्थिति तथा किसी प्रकार का चारित्रिक दोष पाए जाने पर छात्राओं को स्कूल से निष्कासित किया जाएगा। यदि कोई छात्रा 10 दिनों तक लगातार अनुपस्थित रहती है या विद्यालय के शैक्षिक वर्ष के प्रारंभ में प्रथम 3 दिनों तक उपस्थित नहीं होती है। तो उसका नाम छात्रा पंजिका से काट दिया जाएगा।
- कोई भी छात्रा जो अनुपस्थित रहती है अथवा विलंब से स्कूल पहुंचती है, उसे प्रधानाचार्य की अनुमति के बिना कक्षा में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
- पाठ्यपुस्तक के अलावा अन्य कोई पुस्तक, पत्रिका या पाठ्य सामग्री बिना प्रधानाचार्य की अनुमति के स्कूल परिसर में लाना वर्जित है।
- कक्षा अवधि में कोई भी छात्रा बिना प्रधानाचार्या की अनुमति के स्कूल परिसर से बाहर नहीं जा सकती।
- स्कूल संपत्ति की किसी प्रकार की क्षति होने पर उसका हर्जाना, नुकसान करने वाले को देना होगा। इस संबंध में प्रधानाचार्या का निर्णय सर्वमान्य होगा।
- स्कूल में किसी की बहुमूल्य वस्तु खो जाने पर स्कूल जिम्मेदार नहीं होगा। कृपया छात्राओं को गहने आदि बहुमूल्य वस्तु पहनाकर स्कूल ना भेजें।
- किसी प्रकार के संक्रामक रोग ग्रस्त बच्चें को स्कूल में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। ठीक होने के बाद स्वस्थ्यता का प्रमाण पत्र देना अनिवार्य है।
- पढ़ाई की अवधि में छात्राएं माता-पिता, अभिभावक या किसी आगंतुक से नहीं मिल सकती। न ही किसी फोन पर बात ही कर सकती है। यदि कोई आवश्यक बात हुई तो इसकी सूचना उन्हें दे दी जाएगी।
- पी॰टी॰ या खेलकूद में भाग न लेने के लिए किसी चिकित्सक का यह प्रमाण पत्र आवश्यक है की छात्रा का स्वास्थ्य इस योग्य नहीं है।
- किसी भी छात्रा को अपने अध्यापक को प्रधानाचार्य से पूछे बिना कोई उपहार प्रदान करने की अनुमति नहीं है।
- सभी छात्राओं को चाहिए कि वह साफ-सुथरा रहने की आदत डालें। जुलाई में स्कूल खुलने पर सभी छात्राओं को स्कूल परिधान में आना चाहिए।
- प्रधानाचार्य से सलाह किए बिना किसी को निजी शिक्षक रखने की अनुमति नहीं है।
- उचित कारण न मिलने पर, जैसे कि गंभीर दुर्व्यवहार, पढ़ाई में और संतोषजनक प्रगति परीक्षा में नकल या परीक्षा में भागना लेना, विद्यालय शुल्क अदायगी न करना इत्यादि। छात्रा का नाम छात्र पंजिका से काटा जा सकता है।
- सभी छात्राओं को चाहिए कि वे विद्यालय के सभी नियमों से पूर्ण परिचित हों। नियमों का ज्ञान न होना क्षमा याचना का आधार नहीं है।
- निम्नलिखित कार्यो के लिए प्रधानाचार्य की अनुमति अनिवार्य है-
- किसी भी प्रकार का चंदा इकट्ठा करना।
- किसी प्रकार की सभा,उत्सव व भोज कराना।
- स्कूल के अलावा अन्य किसी संस्था द्वारा आयोजित खेलकूद में भाग लेना।
- किसी अध्यापक के सम्मान में उपहार देना या उत्सव मनाना।
- स्कूल के अध्यापक से निजी शिक्षण लेना।
माता–पिता अभिभावकों से निवेदन
- अपने बच्चों का प्रवेश इस स्कूल में कराने के इच्छुक माता-पिता/ अभिभावकों को चाहिए कि वे निर्धारित प्रपत्र पर पूर्ण विवरण भरकर आवेदन करें। यदि बच्चा किसी अन्य विद्यालय में पढ़ा हो तो प्रवेश के समय स्थानांतरण प्रमाण पत्र लाना अनिवार्य है अन्यथा प्रवेश न हो सकेगा। प्रवेश की शर्त यह है कि माता- पिता/अभिभावक इस नियमावली में निर्दिष्ट एवं अदायगी संबंधी सभी नियमों का पालन करेंगे तथा शिक्षण शुल्क की अदायगी समय से करेंगे। इस नियमावली में उल्लिखित किसी भी नियम या शुल्क का किसी भी समय आवश्यकतानुसार परिवर्तन किया जा सकता है यह सभी को मान्य होगा। ऐसे परिवर्तन की सूचना स्कूल के नोटिस बोर्ड पर अंकित की जाएगी।
- विद्यालय शुल्क की अदायगी के बिना किसी को परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं होगी।
- माता-पिता/अभिभावक से अनुरोध है कि वह स्कूल में अपने बच्चों को नियमित रूप से भेजें। बच्चे अपना पाठ याद करते हैं या नहीं इसे देखना उनका कर्तव्य है। अपने बच्चों को वह समय से स्कूल भेजें ताकि वह समय से स्कूल पहुंच जाएं। बच्चे गृह कार्य पूरा करते हैं या नहीं तथा घर पर समुचित रूप से पढ़ते हैं या नहीं इस पर माता-पिता को ध्यान देना चाहिए।
- अपने बच्चों में नम्रता का गुण लाए तथा उन्हें साफ-सुथरा रहने की आदत सिखाएं।
- अनुपस्थिति की अवस्था में अवकाश तभी प्रदान किया जा सकता है जब माता-पिता/अभिभावक समय से पूर्व ही समुचित कारण दिखाकर आवेदन करें। ऐसा करते समय वे अपने बच्चे की कक्षा,वर्ग आदि का स्पष्ट उल्लेख करें।
- किसी भी प्रकार का पत्राचार (सुझाव या शिकायत) सीधे प्रधानाचार्या से करें न कि कक्षा अध्यापिका से ऐसा करते समय अपने बच्चे की कक्षा तथा वर्ग का अवश्य उल्लेख करें।
- कोई आगंतुक (माता- पिता/अभिभावक आदि) शिक्षण अवधि में अपने बच्चों या अध्यापिका से नहीं मिल सकते। आवश्यक होने पर वे प्रधानाचार्या की अनुमति से ऐसा कर सकते हैं।
- आगंतुकों से निवेदन है कि वह शिक्षण अवधि में किसी कक्षा में प्रवेश न करें। कोई काम हो तो कार्यालय में पधार सकते हैं।
- माता-पिता/अभिभावक से अनुरोध है कि बिना किसी अत्यंत आवश्यक काम के वे अपने बच्चों की शिक्षण अवधि में स्कूल से न ले जाएं।
- माता-पिता/अभिभावक से आशा की जाती है कि वे स्कूल द्वारा भेजी गई सूचना प्रगति -पत्र तथा किसी भी अन्य प्रपत्र पर हस्ताक्षर कर दिया करेंगे। ऐसा न होने की स्थिति में बच्चों को असुविधा का सामना करना पड़ सकता है तथा उन्हें घर भी वापस भेजा जा सकता है। निरंतर देर से आने पर या पाठ्य सामग्री ना लाने पर उन्हें वैसा ही दंड दिया जा सकता है।
- विद्यालय की कर्मचारियों को किसी प्रकार का उपहार (नगद या वस्तु) देना वर्जित है।
- माता-पिता/अभिभावकों से आशा की जाती है कि वे ‘अभिभावक-अध्यापक संगोष्ठी’ में बराबर भाग लेते रहें ।
- हम रचनात्मक आलोचनाओं का स्वागत करते हैं। जब माता-पिता/ अभिभावक हमारी कमियों को दर्शाते हैं तो हमें खुशी होती है कि उन्हें हमारी संस्था की प्रगति में रुचि है। बिना अभिभावकों के समर्थन के हम उन्नति नहीं कर सकते। यह अच्छा होगा कि अपने सुझाव एवं शिकायतें सीधे प्रधानाचार्या के पास भेजें न कि अध्यापिका के पास ऐसा पत्र द्वारा या स्वयं साक्षात्कार द्वारा किया जा सकता है।
- किसी भी छात्रा को किसी तरह का दंड देने का अधिकार केवल प्रधानाचार्य को ही है।
- अर्धवार्षिक एवं वार्षिक परीक्षाओं में छात्राओं द्वारा उत्तरित परीक्षा कापियां किसी भी हालत में माता-पिता या किसी निजी शिक्षक को वापस नहीं की जाएगी। ऐसी कॉपियों को स्कूल 1 वर्ष से अधिक अवधि के लिए रखने को बातें भी नहीं है।
- इस नियमावली में उल्लिखित किसी भी नियम-विनिमय का स्पष्टीकरण या परिवर्तन करने का अधिकार केवल स्कूल की संचालिका समिति को है। यह हर हालत में सभी माता-पिता को मान्य होगा तथा किसी अदालत में इस संबंध में किसी तरह की कोई कार्यवाही नहीं की जा सकती।
छात्राओं के लिए नियम
- छात्राएं प्रत्येक दिन स्कूल में साफ-सुथरे स्कूल परिधान में ही आवें।
- वे अपना पाठ तथा गृह कार्य ठीक से पूरा करके लाएं।
- स्कूल कैलेंडर (डायरी) कक्षा में प्रतिदिन अवश्य लाएं। कोई भी इस डायरी का कोई भी पन्ना न फाडें न गंदा करें। इस नियम का उल्लंघन करने पर कड़ी सजा दी जाएगी।
- विद्यालय भवन में दौड़ने,खेलने या शोर मचाने की मनाही है।
- जब बरामदे से होकर जाएं तो शांत होकर जाएं। वे हमेशा, जहां तक हो सके, अपने बाएं से चलें।
- छात्राएं यह ध्यान रखें कि किसी तरह का कागज का टुकड़ा, फल के छिलके वगैरह यहां- वहां न फेकें। इसके लिए कूड़ा दान बना है और वे इसका उपयोग करें।
- विद्यालय प्रांगण में पाई गई किसी भी चीज को कार्यालय में जमा करें।
- प्रार्थना पी॰टी॰ या खेलकूद के समय कोई छात्रा बिना अनुमति के कक्षा में न रहे।
- छात्राओं को ध्यान में रखना चाहिए कि वे अपने व्यवहार के लिए केवल स्कूल समय में ही नहीं अपितु बाहर भी स्कूल अधिकारियों के प्रति जिम्मेदार हैं। यदि किसी प्रकार की शिकायत उनके व्यवहार के संबंध में मिलेगी तो उन पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जा सकती है।
- कक्षा अध्यापिका की अनुपस्थिति में छात्राओं को कक्षा छोड़ने या शोरगुल करने की अनुमति नहीं है। उन्हें चाहिए कि वे अपने मॉनिटर के निर्देशों का पालन करें तथा कक्षा में शांति व्यवस्था बनाए रखें।
- छात्रा किसी भी हालत में कक्षा या स्कूल की दीवारों, फर्नीचर आदि पर ना कोई दाग-धब्बा लगाएं ना उन पर लिखें। ऐसा करना अच्छी शिक्षा के विपरीत तथा उनकी गंदी आदतों का घोतक
होगा।
- कोई छात्रा जो असहयोगी चरित्र की पाई जाएगी या जो निरंतर जानबूझकर शैतानी करती है, या परीक्षाओं में नकल करती है, या स्कूल के प्रमाण-पत्रों, स्थानांतरण प्रमाण-पत्रों पर अदला-बदली करती है तो उसे प्रधानाचार्य के विवेक पर स्कूल से निष्कासित किया जा सकता है। निष्कासन अल्पकालीन या सदैव के लिए अपराध की गहनता को देखकर की जाएगी।
- छात्राओं को चाहिए कि वे अपनी कक्षा को छोड़कर किसी अन्य कक्षा में अकारण, बिना अनुमति के न जाएं।